दुर्गा चालीसा संपूर्ण हिंदी लिरिक्स PDF | Durga Chalisa Full Hindi PDF Download
PDF Name | श्री दुर्गा चालीसा संपूर्ण पाठ Download | Durga Chalisa Lyrics Hindi PDF |
No. Of Pages | 2 |
PDF Size | 0.19 MB |
PDF Language | Hindi |
Catagory | Religion & Spirituality |
Source | Various |
Download Link | Given here |
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दुर्गा चालीसा क्या है | what is Durga Chalisa in Hindi PDF
दोस्तों आज हम आपके साथ, दुर्गा चालीसा के संपूर्ण हिंदी लिरिक्स पीडीएफ – Full Hindi Lyrics PDF of Durga Chalisa शेयर करने वाले हैं। लेकिन उससे पहले दुर्गा चालीसा के संबंधित कुछ अत्यावश्यक बातें जान लेना जरूरी है।
श्री दुर्गा चालीसा दुर्गा माता के संबंधित रचना किया गया एक बहुत शक्तिशाली और लाभदाई स्तुति मंत्र है। इस मंत्रों के पाठ के बिना दुर्गा माता की आराधना और स्तुति अधूरी माना जाता है। इस मंत्र के नियमित पाठ से प्राप्त लाभों के बारे में बहुत सारे धर्म ग्रंथों में उल्लेख किया गया है।
अगर आप दुर्गा माता की आराधना करते हैं, तो आपको दुर्गा चालीसा का पाठ नियमित और अवश्य रूप से करना चाहिए। इससे दुर्गा माता की कृपा हमारे ऊपर और भी बढ़ जाता है।

दुर्गा माता को सृष्टि के समस्त शक्तियों का आधार माना जाता है, उनको समस्त शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। इसलिए अगर आपके जीवन में मनोबल या शारीरिक बल की कोई कमी आप महसूस कर रहे हैं, तो आपको दुर्गा माता की आराधना के साथ-साथ दुर्गा स्तुति को नियमित रूप से पाठ करना चाहिए। दुर्गा चालीसा के नियमित पाठ से मन और शारीरिक बल के साथ साथ आपकी जीवन में सर्वात्मक समृद्धि बना रहता है।
दुर्गा चालीसा को नवरात्रि के दिनों में पाठ करना और भी लाभदायक माना जाता है, क्योंकि साल के इन दिनों को दुर्गा माता की आराधना के लिए संपूर्ण रूप से समर्पित किया गया है।
दुर्गा चालीसा संपूर्ण हिंदी लिरिक्स | Durga Chalisa Full Hindi Lyrics
॥ श्री दुर्गा चालीसा चौपाई ॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥
निराकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥
रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥
तुम संसार शक्ति लय कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥
अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥
प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥
शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥
रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि-मुनिन उबारा॥
धरा रूप नरसिंह को अम्बा। प्रगट भईं फाड़कर खम्बा॥
रक्षा कर प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥
लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥
क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥
हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥
मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥
श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥
केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥
कर में खप्पर-खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजे॥
सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥
नगर कोटि में तुम्हीं विराजत। तिहुंलोक में डंका बाजत॥
शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥
महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥
रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥
परी गाढ़ सन्तन पर जब-जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥
अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥
ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥
प्रेम भक्ति से जो यश गावै। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥
ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥
जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥
शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥
निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥
शक्ति रूप को मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥
शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥
भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥
मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥
आशा तृष्णा निपट सतावे। मोह मदादिक सब विनशावै॥
शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥
करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला॥
जब लगि जियउं दया फल पाऊं। तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं॥
दुर्गा चालीसा जो नित गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥
देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा समाप्ति ॥
दुर्गा चालीसा पाठ करने के फायदे | Benefits of Chanting Durga Chalisa
दुर्गा चालीसा के नियमित पाठ का बहुत सारे फायदे है, जैसे:
- सबसे पहले इसका पाठ से आपके मानसिक और शारीरिक बल शक्ति सर्वदा के लिए बना रहता है।
- दुर्गा चालीसा के नियमित पाठ आपके जीवन में से नकारात्मक वस्तु को दूर रखता है।
- इसके पाठ से निर्धन और बिछड़ा हुआ व्यक्ति भी धन की प्राप्ति कर सकते हैं।
- दुर्गा चालीसा को नवरात्रि के दिनों में पाठ करने से दुर्गा मां की कृपा और आशीर्वाद बहुत जल्द मिलते हैं।
- दुर्गा चालीसा के पाठ से आपको सामाजिक सम्मान और समृद्धि भी प्राप्त होती है।
- इसका नियमित पाठ आपके मन से नकारात्मक विचारों जैसे काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार इन चीजों को पूरी तरह से मिटा देता है, आपकी मन को निर्मल और निर्विकार कर देता है।
- आपके जीवन में सर्वात्मक सुख और समृद्धि की प्राप्ति होता है।
दुर्गा चालीसा पाठ के विधि | Process of Chanting Durga Chalisa
दुर्गा चालीसा पाठ करते समय निम्नलिखित कुछ विधियां मान के चलना अत्यावश्यक है:
- पाठ शुरू करने से पहले स्नान करके स्वच्छ हो जाए, स्वच्छ वस्त्र जरूर धारण करें।
- इसके बाद एक स्वच्छ स्थान पर लाल रंग के कपड़े बिछाए, और उसके ऊपर देवी मां का मूर्ति या तस्वीर स्थापन करें।
- धूप दीप प्रज्वलित करें और देवी मां का पसंदीदा भोग चढ़ाएं।
- इसके बाद दुर्गा मां का नमन करके दुर्गा चालीसा पाठ शुरू करें।
- दुर्गा चालीसा पाठ संपन्न होने के बाद, माता की आरती जरूर करें।
- आरती और पूजा संपन्न होने के बाद माता का प्रसाद भक्तों में वितरण करें।
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FAQs – Durga Chalisa Hindi PDF Download
1. दुर्गा चालीसा कैसे डाउनलोड करें – How to Download Durga Chalisa Hindi PDF?
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2. दुर्गा चालीसा कहां से डाउनलोड करें – From where I can Download Durga Chalisa Hindi Lyrics PDF?
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3. दुर्गा चालीसा क्या है – What is Durga Chalisa?
श्री दुर्गा चालीसा दुर्गा माता के बहुत शक्तिशाली और लाभदाई स्तुति मंत्र है।